Suzlon Energy: भारत सरकार की मदत से ग्रीन एनर्जी सेक्टर में पिछले कुछ सालो में जबरदस्त ग्रोथ देखने मिली है। 2014 में रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता मात्र 35 गीगावॉट के आसपास थी, जो अब 2025 तक बढ़कर लगभग 197 गीगावॉट हो चुकी है। यह ग्रोथ केवल उत्पादन बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि अब फोकस सिस्टम सुधारों और स्थिरता पर भी बढ़ा है। नए सरकारी योजनाओ और बढ़ती मांग के कारन ग्रीन एनर्जी के स्टॉक्स ने भी पिछले कुछ सालो में ही निवेशकोको मल्टीबैग्गेर रिटर्न्स दिए है जिसमे Suzlon Energy का नाम सबसे चर्चें में रहा है। अब फिरसे
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Suzlon Energy और सरकार की नई योजना
सुजलॉन एनर्जी, जो पहले से ही ऑनशोर विंड टर्बाइन निर्माण में अग्रणी है, अब ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट्स में भी तेजी से सक्रिय हो रही है। सरकार ने इस साल एक बड़ा एलान किया है कि पवन ऊर्जा, खासकर ऑफशोर विंड को अगले चरण का मुख्य इंजन बनाएगी। इससे सुजलॉन को नई बड़ी ऑर्डर बुक मिलने की उम्मीद है, जिससे कंपनी की इनकम और बाजार में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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सुजलॉन की वित्तीय मजबूती
सुजलॉन ने हाल ही में टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी से 838 मेगावॉट की विशाल विंड टर्बाइन सप्लाई ऑर्डर जीता है। इस प्रोजेक्ट में भारत के कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 266 टर्बाइन लगाए जाएंगे, जो 3.15 मेगावॉट की क्षमता वाले होंगे। यह ऑर्डर भारत के फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी जो FDRE प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य टिकाऊ से अक्षय ऊर्जा उपलब्ध कराना है। सुजलॉन की एस 144 टर्बाइन टेक्नोलॉजी लम्बे जीवनकाल के लिए जानी जाती है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही में ₹324 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 7.3% अधिक है।
सरकार सहायता और फंडिंग
सरकार की PLI स्कीम, डोमेस्टिक कंटेंट रिक्वायरमेंट और ड्यूटी छूट से भारत में घरेलू विनिर्माण को मजबूत किया जा रहा है। क्युकी सुजलॉन पूरी तरह “मेड इन इंडिया” कंपनी है, इसलिए ये नीतियां कंपनी के लिए सीधे फायदे की साबित हो रही हैं।
इसके अलावा, सरकार ने ₹2.4 लाख करोड़ की योजना के तहत ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर फेज-III शुरू किया है, जो राजस्थान, गुजरात और लद्दाख जैसे रिन्यूएबल-रिच राज्यों को ऊर्जा की मांग वाले क्षेत्रों से जोड़ेगा। यह नेटवर्क 500 गीगावॉट क्षमता संभालने में सक्षम होगा, और 2032 तक इंटर-रीजनल ट्रांसमिशन क्षमता भी 120 गीगावॉट से बढ़ाकर 168 गीगावॉट कर दी जाएगी।
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ग्रीन एनर्जी फ्यूचर ग्रोथ
सरकार ने वर्चुअल पावर पर्चेस एग्रीमेंट्स यानि VPPAs को बढ़ावा दिया है। इससे कंपनियां रिन्यूएबल एनर्जी को वर्चुअली खरीद सकेंगी, जिसका मतलब है कि बिजली का भौतिक रूप में वितरण आवश्यक नहीं होगा। इसके साथ ही, ग्रीन एट्रिब्यूट ट्रेडिंग, डे-अहेड मार्केट और रीयल-टाइम मार्केट जैसी व्यवस्थाओं का विस्तार हो रहा है, जिससे अक्षय ऊर्जा बाजार और भी पारदर्शी, कम लागत वाला और भरोसेमंद बन रहा है।
Suzlon Energy शेयर प्राइस
Suzlon Share Price: आज 23 अक्टूबर २०२५ को मॉर्निंग सेशन से है स्टॉक में तेजी देखने मिली है जिसमे अच्छे वॉल्यूम के साथ 1.5% की तेजी आयी है, और इस टाइम स्टॉक 55.05 के लेवल पर ट्रेड हो रहा है। सरकार के नए योजनाओ के चलते इस हप्ते स्टॉक में 5% से ज्यादा तेजी आयी है।
सुजलॉन ने पिछले पांच सालो में निवेशकों को 1,609.66% फीसदी के तगड़े मल्टीबैग्गर रिटर्न्स दिए है, और अब रिन्यूएबल एनर्जी में सरकार की नई योजना से सुजलॉन में और उपसिते पोटेंशियल बना हुआ है।
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डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचना के लिए है। निवेश से पहले कृपया अपनी वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। PBL NEWS में किसी भी प्रकार का निवेश या वित्तीय निर्णय लेने के लिए कोई सुझाव नहीं है। हम जानकारी की पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते। निवेश करते समय अपनी समझदारी और सतर्कता का उपयोग करें।